“उत्तर प्रदेश सरकार ने डेयरी सेक्टर में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए नंदिनी योजना शुरू की है, जिसमें दूध कामगारों और डेयरी मालिकों को 50% तक सब्सिडी मिलेगी। इस योजना का लक्ष्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और 31 लाख रुपये तक की सहायता प्रदान करना है। जानें कैसे यह योजना 2025 में डेयरी उद्योग को नई दिशा देगी।”
यूपी में डेयरी सेक्टर को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी नंदिनी योजना
उत्तर प्रदेश सरकार ने डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए नंदिनी योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत डेयरी खोलने वाले उद्यमियों और दूध कामगारों को 50% तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी, जिसकी उच्चतम सीमा 31 लाख रुपये निर्धारित की गई है। यह योजना विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो डेयरी फार्मिंग में कदम रखना चाहते हैं या अपने मौजूदा व्यवसाय को विस्तार देना चाहते हैं।
योजना के तहत, डेयरी फार्म स्थापित करने के लिए आवश्यक उपकरण, जैसे मिल्किंग मशीन, कूलिंग यूनिट, और दूध परिवहन सुविधाओं के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध होगी। इसके अलावा, छोटे और मध्यम स्तर के डेयरी किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले। हाल के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में डेयरी उद्योग लगभग 5 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करता है, और इस योजना से 2025 तक 1 लाख अतिरिक्त परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य है।
नंदिनी योजना का एक प्रमुख पहलू यह है कि यह डेयरी सेक्टर में टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देती है। उदाहरण के लिए, दूध भंडारण और परिवहन के लिए आधुनिक उपकरणों की खरीद पर सब्सिडी दी जाएगी, जिससे दूध की बर्बादी को रोका जा सकेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल उत्पादकता बढ़ाएगा, बल्कि दूध की गुणवत्ता को भी बनाए रखेगा, जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर उत्पाद मिलेंगे।
यूपी के मुख्यमंत्री कार्यालय ने हाल ही में एक बयान में कहा कि इस योजना से डेयरी उद्योग में लगभग 5 लाख लीटर दूध की अतिरिक्त मांग पैदा होगी, जिससे 300 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार और 1,500 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के साथ-साथ शहरी उपभोक्ताओं तक ताजा और गुणवत्तापूर्ण दूध पहुंचाने में भी मदद करेगी।
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने इस योजना की कुछ चुनौतियों की ओर भी इशारा किया है। उनका कहना है कि सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए जटिल आवेदन प्रक्रिया और जागरूकता की कमी बाधा बन सकती है। इसके लिए सरकार ने जागरूकता अभियान शुरू करने और स्थानीय स्तर पर सहायता केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है।
योजना के तहत पात्रता के लिए, आवेदक को उत्तर प्रदेश का निवासी होना आवश्यक है, और उसे डेयरी फार्मिंग से संबंधित व्यवसाय शुरू करने या विस्तार करने की योजना प्रस्तुत करनी होगी। यह योजना विशेष रूप से अनुसूचित जाति और जनजाति के उद्यमियों के लिए अतिरिक्त लाभ प्रदान करती है, जिसमें सब्सिडी की दर को और बढ़ाया गया है।
2025 में यह योजना न केवल डेयरी उद्योग को नई दिशा देगी, बल्कि ग्रामीण भारत में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन का एक मजबूत आधार भी तैयार करेगी।
Disclaimer: यह लेख उत्तर प्रदेश सरकार की नंदिनी योजना और डेयरी उद्योग से संबंधित हाल की खबरों और डेटा पर आधारित है। जानकारी विश्वसनीय स्रोतों जैसे सरकारी बयानों और स्थानीय समाचारों से ली गई है।