“दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 2000 स्मार्ट क्लासरूम की शुरुआत, डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए AI, स्मार्ट बोर्ड और रोबोटिक्स लैब्स जैसे आधुनिक संसाधन तैयार किए जाएंगे। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शिक्षकों की भर्ती और स्कूलों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर जोर दिया। यह पहल शिक्षा को तकनीकी रूप से समृद्ध और समावेशी बनाएगी।”
दिल्ली के स्कूलों में डिजिटल क्रांति की शुरुआत
दिल्ली सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम उठाया है। राजधानी के सरकारी स्कूलों में 2000 स्मार्ट क्लासरूम की स्थापना की घोषणा की गई है, जो डिजिटल शिक्षा को नया आयाम देगी। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत स्कूलों में स्मार्ट बोर्ड, AI लैब्स, और रोबोटिक्स जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि यह पहल गुजरात के सफल शिक्षा मॉडल से प्रेरित है, जहां एक लाख से अधिक स्मार्ट क्लासरूम पहले ही स्थापित हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बुधवार को दिल्ली सचिवालय में शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा, “हर बच्चे को समान, आधुनिक, और प्रेरणादायक शिक्षा का माहौल मिलना चाहिए।” सरकार ने शिक्षकों की भर्ती को प्राथमिकता देने और जर्जर स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए एक सूची तैयार करने का निर्देश दिया। इसके अलावा, साइंस लैब्स और अन्य बुनियादी ढांचे को भी अपग्रेड किया जाएगा।
इस योजना का उद्देश्य दिल्ली के सरकारी स्कूलों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाना है। स्मार्ट क्लासरूम में इंटरनेट से लैस इंटरैक्टिव पैनल और प्रोजेक्टर होंगे, जो छात्रों को डिजिटल टूल्स के माध्यम से पढ़ाई का अवसर प्रदान करेंगे। यह कदम न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाएगा, बल्कि छात्रों को तकनीकी दुनिया में कदम रखने के लिए तैयार करेगा।
शिक्षा मंत्री सूद ने गुजरात के स्कूलों का दौरा कर वहां की स्मार्ट शिक्षा प्रणाली का अध्ययन किया। उन्होंने बताया कि दिल्ली के पुराने शिक्षा मॉडल को अब बदलने का समय है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन सकती है। सरकार का लक्ष्य है कि दिल्ली के सरकारी स्कूल निजी स्कूलों को टक्कर दें और हर बच्चे को तकनीकी शिक्षा का लाभ मिले।
इसके अतिरिक्त, दिल्ली सरकार ने 56 सरकारी स्कूलों को चिह्नित किया है, जहां 9वीं और 11वीं कक्षा का पास प्रतिशत 45% से कम है। इन स्कूलों में कमजोर छात्रों के लिए 56 मेंटर्स नियुक्त किए गए हैं, जो उनकी पढ़ाई में सहायता करेंगे। यह कदम शिक्षा को अधिक परिणामोन्मुख और उत्तरदायी बनाने की दिशा में उठाया गया है।
सोशल मीडिया पर भी इस पहल की खूब चर्चा है। X पर उपयोगकर्ताओं ने इसे शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम बताया है।
@YadavSubhashUP
ने लिखा, “पहले चरण में 2000 स्मार्ट क्लासरूम जल्द तैयार होंगे, जो दिल्ली के बच्चों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।” वहीं,
@abplivedelhi
ने इसे डिजिटल शिक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण फैसला करार दिया।
यह योजना न केवल दिल्ली के सरकारी स्कूलों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि देश के अन्य हिस्सों के लिए भी एक नया मॉडल प्रस्तुत करेगी। सरकार का दावा है कि यह पहल हर बच्चे को समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।
Disclaimer: यह लेख समाचार स्रोतों, सरकारी घोषणाओं, और X पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर लिखा गया है। तथ्यों की सटीकता के लिए संबंधित आधिकारिक स्रोतों की जांच करें।