“दिल्ली सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए सेफ्टी स्कीम 2.0 शुरू की है, जिसमें नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति, बेहतर स्ट्रीट लाइटिंग, और ‘Shishtachar’ स्क्वॉड जैसे कदम शामिल हैं। यह योजना महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखती है।”
दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा के लिए नया कदम: सेफ्टी स्कीम 2.0 की पूरी जानकारी
दिल्ली सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सेफ्टी स्कीम 2.0 की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को सार्वजनिक और कार्यस्थल पर सुरक्षित माहौल प्रदान करना है। इस योजना के तहत कई अहम बदलाव किए गए हैं, जो न केवल महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे बल्कि उनकी आर्थिक भागीदारी को भी बढ़ावा देंगे।
हाल ही में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में इस योजना को अंतिम रूप दिया गया। इस स्कीम के तहत महिलाओं को उनकी सहमति के साथ नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए दिल्ली दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम और फैक्ट्रीज एक्ट में संशोधन किए जा रहे हैं, ताकि कार्यस्थल पर सभी सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जा सकें।
इसके अलावा, दिल्ली पुलिस की ‘Shishtachar’ स्क्वॉड योजना को और मजबूत किया गया है। ये स्क्वॉड सार्वजनिक स्थानों पर उत्पीड़न रोकने और यात्रियों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं। हाल ही में दिल्ली पुलिस ने आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किए, जिनमें महिलाओं को आत्मविश्वास और सुरक्षा तकनीकों की ट्रेनिंग दी गई।
सेफ्टी स्कीम 2.0 में शहरी क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइटिंग को बेहतर करने पर भी जोर दिया गया है। अपर्याप्त स्ट्रीट लाइटिंग महिलाओं की गतिशीलता और सुरक्षा को प्रभावित करती है, जिसे दूर करने के लिए दिल्ली सरकार ने विशेष पहल शुरू की है। इसके साथ ही, महिलाओं के लिए विशेष बस सेवाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि रात के समय सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित हो।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए तकनीक का उपयोग भी इस योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मंत्रालय ने पिछले एक दशक में पोषण, शिक्षा, और कानूनी सुरक्षा तक पहुंच को मजबूत करने के लिए कई तकनीकी उपाय किए हैं, और सेफ्टी स्कीम 2.0 में इन प्रयासों को और बढ़ाया जाएगा।
यह योजना न केवल सुरक्षा बल्कि आर्थिक समावेशिता पर भी केंद्रित है। नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति से महिलाओं को अधिक रोजगार के अवसर मिलेंगे, जिससे दिल्ली में व्यापार और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इन नीतियों का प्रभावी कार्यान्वयन और नियमित निगरानी जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित हो कि सुरक्षा उपाय केवल कागजों तक सीमित न रहें।
दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उठाए गए ये कदम निश्चित रूप से एक सकारात्मक शुरुआत हैं। इस योजना के तहत सरकार का लक्ष्य है कि महिलाएं न केवल सुरक्षित महसूस करें, बल्कि वे सार्वजनिक स्थानों और कार्यस्थलों पर बराबरी के साथ अपनी मौजूदगी दर्ज करा सकें।
Disclaimer: यह लेख हाल के समाचारों, सरकारी घोषणाओं, और विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है। जानकारी को सटीक रखने का प्रयास किया गया है, लेकिन पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे आधिकारिक स्रोतों से नवीनतम अपडेट की पुष्टि करें।