“दिल्ली सरकार ने 2025 में महिलाओं की सुरक्षा के लिए नई सेफ सिटी स्कीम लॉन्च की है, जिसमें सीसीटीवी, स्मार्ट लाइटिंग, और 24/7 हेल्पलाइन शामिल हैं। यह योजना महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने और अपराध दर कम करने का लक्ष्य रखती है। दिल्ली की सड़कों को और सुरक्षित बनाने के लिए ये कदम कितने प्रभावी होंगे?”
दिल्ली में लॉन्च हुई 2025 सेफ सिटी स्कीम: महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता
दिल्ली, भारत की राजधानी, जहां महिलाओं की सुरक्षा हमेशा से एक प्रमुख मुद्दा रही है, अब एक नई पहल के साथ इस दिशा में कदम बढ़ा रही है। 2025 में दिल्ली सरकार ने “सेफ सिटी स्कीम” लॉन्च की है, जिसका उद्देश्य महिलाओं के लिए सुरक्षित और भयमुक्त माहौल सुनिश्चित करना है। इस योजना के तहत कई तकनीकी और सामुदायिक उपायों को लागू किया जा रहा है, जो दिल्ली की सड़कों, सार्वजनिक स्थानों, और परिवहन व्यवस्था को और सुरक्षित बनाने का वादा करते हैं।
सीसीटीवी और स्मार्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग
इस स्कीम के तहत दिल्ली के प्रमुख सार्वजनिक स्थानों, बाजारों, और आवासीय क्षेत्रों में हाई-रिजॉल्यूशन सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। सरकार ने घोषणा की है कि 2025 के अंत तक दिल्ली के 80% से अधिक संवेदनशील क्षेत्रों में सीसीटीवी निगरानी शुरू हो जाएगी। ये कैमरे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से लैस होंगे, जो संदिग्ध गतिविधियों को तुरंत पहचानकर पुलिस को अलर्ट करेंगे। इसके अलावा, स्मार्ट स्ट्रीट लाइटिंग सिस्टम लागू किया जा रहा है, जो रात के समय स्वचालित रूप से रोशनी बढ़ाएगा और बिजली की बचत भी करेगा।
24/7 महिला हेल्पलाइन और मोबाइल ऐप
सेफ सिटी स्कीम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है 24/7 सक्रिय महिला हेल्पलाइन। इस हेल्पलाइन को विशेष रूप से महिलाओं की आपातकालीन जरूरतों के लिए डिज़ाइन किया गया है, जहां प्रशिक्षित कर्मचारी तुरंत सहायता प्रदान करेंगे। साथ ही, एक नया मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया है, जिसमें पैनिक बटन, लोकेशन ट्रैकिंग, और पुलिस से सीधे संपर्क की सुविधा उपलब्ध है। इस ऐप को दिल्ली की सभी महिलाओं के लिए मुफ्त रखा गया है, और इसे Google Play Store और Apple App Store पर डाउनलोड किया जा सकता है।
सार्वजनिक परिवहन में सुधार
महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, दिल्ली मेट्रो और DTC बसों में विशेष महिला कोच और सीटों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके साथ ही, बस स्टॉप और मेट्रो स्टेशनों पर महिला सुरक्षा गार्ड की तैनाती की जाएगी। रात के समय बसों में GPS ट्रैकिंग और लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम को और मजबूत किया गया है ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
सामुदायिक जागरूकता और प्रशिक्षण
सेफ सिटी स्कीम केवल तकनीक पर निर्भर नहीं है। सरकार ने सामुदायिक स्तर पर जागरूकता अभियान शुरू किए हैं, जिसमें स्कूलों, कॉलेजों, और कार्यस्थलों पर महिलाओं के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। दिल्ली पुलिस के सहयोग से, 2025 में 10,000 से अधिक महिलाओं को मुफ्त आत्मरक्षा प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही, पुरुषों और युवाओं के लिए जेंडर सेंसिटाइजेशन वर्कशॉप भी शुरू किए गए हैं ताकि समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान और सुरक्षा की भावना को बढ़ावा मिले।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका
दिल्ली पुलिस को इस योजना का मुख्य आधार बनाया गया है। विशेष महिला पुलिस टीमें गठित की गई हैं, जो संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त करेंगी। इसके अलावा, शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया को और सरल बनाया गया है ताकि पीड़ित महिलाएं बिना किसी डर के अपनी बात रख सकें। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारा लक्ष्य दिल्ली को ऐसी जगह बनाना है जहां हर महिला बिना डर के रात में भी सड़कों पर चल सके।”
चुनौतियां और भविष्य की राह
हालांकि यह स्कीम आशाजनक है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए समयबद्ध निगरानी और जवाबदेही जरूरी है। पहले भी दिल्ली में कई सुरक्षा योजनाएं शुरू हुईं, लेकिन उनका प्रभाव सीमित रहा। इस बार सरकार ने वादा किया है कि सेफ सिटी स्कीम के तहत हर तीन महीने में प्रगति की समीक्षा की जाएगी, और जनता से फीडबैक लिया जाएगा।
नागरिकों की अपील
दिल्ली सरकार ने सभी नागरिकों से इस योजना में सहयोग करने की अपील की है। जनता से सुझाव मांगे गए हैं कि कैसे इस स्कीम को और प्रभावी बनाया जा सकता है। इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल भी लॉन्च किया गया है, जहां लोग अपने विचार साझा कर सकते हैं।
Disclaimer: यह लेख दिल्ली में 2025 में लॉन्च की गई सेफ सिटी स्कीम से संबंधित उपलब्ध जानकारी और समाचारों पर आधारित है। डेटा और तथ्य सरकारी घोषणाओं, न्यूज़ रिपोर्ट्स, और विश्वसनीय स्रोतों से लिए गए हैं।