दिल्ली सरकार 2025 में नई इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीति लागू करने की तैयारी में है, जिसमें सब्सिडी, स्क्रैपिंग लाभ और CNG वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलने की योजना शामिल है। इसका लक्ष्य 2027 तक 95% नए वाहनों को इलेक्ट्रिक करना और प्रदूषण कम करना है। नई नीति चार्जिंग स्टेशनों का विस्तार और 20,000 नौकरियां सृजित करेगी।
दिल्ली की नई EV नीति: सब्सिडी और प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में बड़ा कदम
दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को बढ़ावा देने के लिए अपनी महत्वाकांक्षी योजना को और मजबूत करने का फैसला किया है। 2025 में नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति (Delhi EV Policy 2.0) का मसौदा तैयार किया जा रहा है, जिसका लक्ष्य राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण को कम करना और इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी को 2027 तक 95% और 2030 तक 98% तक बढ़ाना है। इस नीति के तहत कई आकर्षक प्रोत्साहन योजनाएं शुरू की जाएंगी, जो दिल्लीवासियों को इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने के लिए प्रेरित करेंगी।
सब्सिडी और आर्थिक लाभ
नई नीति में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर सीधी सब्सिडी का प्रावधान है। सूत्रों के अनुसार, दोपहिया वाहनों पर 5,000 रुपये और चार-पहिया वाहनों पर 1 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा, पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों को स्क्रैप करने पर आर्थिक लाभ भी मिलेगा। दिल्ली सरकार का उद्देश्य लोगों को पारंपरिक ईंधन वाले वाहनों से इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर स्थानांतरित करने के लिए प्रोत्साहित करना है। विशेष रूप से, CNG वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलने की योजना 1 अप्रैल 2026 से चरणबद्ध तरीके से लागू होगी। इसके लिए एक वैज्ञानिक अध्ययन किया जाएगा, जो दिल्ली में मौजूदा CNG वाहनों की संख्या और उनके परिवर्तन की प्रक्रिया का आकलन करेगा।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार
दिल्ली सरकार चार्जिंग स्टेशनों के नेटवर्क को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि इस नीति से 20,000 नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है, जो बैटरी स्टेशनों और संबंधित सेवाओं के विकास से जुड़ी होंगी। नई नीति में चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी को भी बढ़ावा दिया जाएगा। यह कदम न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों को सुलभ बनाएगा, बल्कि रोजगार सृजन में भी योगदान देगा।
CNG से EV में परिवर्तन
दिल्ली में CNG वाहनों की संख्या काफी है, और सरकार इन वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलने के लिए विशेष रियायतें देगी। उदाहरण के लिए, CNG ऑटो को इलेक्ट्रिक ऑटो से बदलने वालों को अतिरिक्त छूट मिलेगी। यह योजना दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, क्योंकि वाहनों से होने वाला उत्सर्जन शहर की वायु गुणवत्ता को प्रभावित करता है।
पिछली नीति की सफलता
दिल्ली की मौजूदा EV नीति, जिसे अगस्त 2020 में लागू किया गया था, को 31 मार्च 2024 तक कई बार विस्तार दिया गया। इस नीति के तहत दोपहिया वाहनों पर 30,000 रुपये और चार-पहिया वाहनों पर 1.5 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी गई। इसके अलावा, घर पर इलेक्ट्रिक चार्जर लगाने के लिए अलग से प्रोत्साहन भी प्रदान किया गया। 2024 में दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण में 55% की वृद्धि दर्ज की गई, जो इस नीति की सफलता को दर्शाता है।
नई बसों का लोकार्पण
हाल ही में, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल इंटरचेंज (DEVI) योजना के तहत 100 से अधिक नई इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई। इन बसों में सीसीटीवी, लाइव ट्रैकिंग और पैनिक बटन जैसी आधुनिक सुविधाएं हैं, जो यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को बढ़ाएंगी। नरेला ए-9 टर्मिनल का लोकार्पण भी इस अवसर पर किया गया। परिवहन मंत्री पंकज सिंह ने कहा कि ये बसें दिल्ली की जनता को प्रदूषण-मुक्त और आरामदायक यात्रा प्रदान करेंगी।
प्रदूषण नियंत्रण पर जोर
दिल्ली, जो विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है, में वाहनों से होने वाला प्रदूषण एक बड़ी चुनौती है “
Disclaimer: यह लेख विभिन्न समाचार स्रोतों, सरकारी घोषणाओं और हाल के अपडेट्स पर आधारित है। जानकारी की सटीकता के लिए संबंधित सरकारी पोर्टल्स और आधिकारिक बयानों की जांच करें।