“दिल्ली सरकार ने 2025 में युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट योजना शुरू की, जिसका लक्ष्य 10 लाख युवाओं को रोजगार योग्य बनाना है। यह योजना मुफ्त प्रशिक्षण, उद्योग-आधारित पाठ्यक्रम और स्टाइपेंड प्रदान करेगी। विशेष रूप से महिलाओं और वंचित समूहों पर फोकस, यह पहल दिल्ली में बेरोजगारी कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
दिल्ली की नई स्किल डेवलपमेंट योजना: युवाओं के लिए सुनहरा अवसर
दिल्ली सरकार ने 2025 में युवाओं के लिए एक महत्वाकांक्षी स्किल डेवलपमेंट योजना की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य अगले पांच वर्षों में 10 लाख युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षित कर रोजगार के अवसर प्रदान करना है। इस योजना के तहत तकनीकी और गैर-तकनीकी दोनों क्षेत्रों में मुफ्त प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे, जो विशेष रूप से दिल्ली के बेरोजगार युवाओं, महिलाओं, और वंचित समूहों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
इस योजना के अंतर्गत, दिल्ली सरकार ने कई प्रमुख उद्योगों जैसे आईटी, हेल्थकेयर, रिटेल, मैन्युफैक्चरिंग, और हॉस्पिटैलिटी के साथ साझेदारी की है। इन क्षेत्रों में मांग के अनुसार पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं, जो राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढांचे (NSQF) के अनुरूप होंगे। उदाहरण के लिए, डेटा एनालिटिक्स, क्लाउड कंप्यूटिंग, और डिजिटल मार्केटिंग जैसे आधुनिक कोर्स युवाओं को तकनीकी क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए शामिल किए गए हैं। इसके अलावा, पारंपरिक कौशलों जैसे इलेक्ट्रिकल वर्क, प्लंबिंग, और टेक्सटाइल डिज़ाइन में भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
योजना की एक खास विशेषता यह है कि इसमें प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को मासिक स्टाइपेंड भी दिया जाएगा, जिससे आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवारों के युवा भी बिना वित्तीय चिंता के प्रशिक्षण ले सकें। दिल्ली के उद्योग मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, “हमारा लक्ष्य न केवल युवाओं को कौशल प्रदान करना है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाना और दिल्ली की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करना है।”
महिलाओं और वंचित समूहों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। योजना के तहत महिलाओं को 15% अतिरिक्त सीटें और प्राथमिकता दी जाएगी, जबकि दिव्यांग व्यक्तियों और विधवाओं को प्रशिक्षण शुल्क में 20% की छूट और अतिरिक्त सब्सिडी मिलेगी। यह कदम सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देने और समाज के सभी वर्गों को रोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में उठाया गया है।
दिल्ली सरकार ने इस योजना के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जिसमें से 60% हिस्सा प्रशिक्षण केंद्रों के विकास और बाकी 40% स्टाइपेंड और सब्सिडी के लिए उपयोग होगा। दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में 50 नए स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोले जाएंगे, जिनमें से 10 सेंटर 2025 के अंत तक चालू हो जाएंगे। इन सेंटरों में आधुनिक तकनीकों जैसे वर्चुअल रियलिटी (VR) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित प्रशिक्षण उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।
रोजगार कार्यालयों के साथ ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा भी शुरू की गई है। इच्छुक उम्मीदवार दिल्ली सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं, जहां उन्हें अपनी शैक्षिक योग्यता, रुचि के क्षेत्र, और व्यक्तिगत जानकारी दर्ज करनी होगी। पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद, उम्मीदवारों को उनके निकटतम प्रशिक्षण केंद्र में प्रवेश दिया जाएगा।
यह योजना दिल्ली में बेरोजगारी की समस्या को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में बेरोजगारी दर 2024 में 6.8% थी, जो राष्ट्रीय औसत से थोड़ी अधिक है। इस योजना के माध्यम से सरकार का लक्ष्य इस दर को 2027 तक 4% तक कम करना है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल न केवल युवाओं को रोजगार योग्य बनाएगी बल्कि दिल्ली को भारत का स्किल हब बनाने में भी मदद करेगी।‽web:9oma
हालांकि, कुछ चुनौतियां भी हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि योजना की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि प्रशिक्षण की गुणवत्ता और उद्योगों के साथ साझेदारी कितनी प्रभावी होगी। इसके अलावा, ग्रामीण और उपनगरीय क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि अधिक से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा सकें।
युवाओं के लिए यह योजना एक सुनहरा अवसर है। जो लोग तकनीकी या व्यावसायिक प्रशिक्षण लेना चाहते हैं, उनके लिए यह न केवल कौशल विकास का मौका है बल्कि आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम भी है। दिल्ली सरकार की इस पहल से न केवल व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा मिलेगा बल्कि यह भारत की आर्थिक प्रगति में भी योगदान देगी।
डिस्क्लेमर: यह लेख समाचार और उपलब्ध जानकारी पर आधारित है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे योजना के लिए आधिकारिक वаха