दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना 2025 से लागू, प्रत्येक परिवार को ₹10 लाख तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा। यह योजना गरीब और मध्यम वर्ग के लिए गेम-चेंजर साबित होगी, जिसमें कैशलेस इलाज, डायग्नोस्टिक टेस्ट और आपातकालीन सेवाएं शामिल हैं। दिल्ली 35वां राज्य बना, जो इस योजना का हिस्सा है।
दिल्ली में स्वास्थ्य बीमा की नई क्रांति: मुफ्त कवरेज की शुरुआत
दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक नया युग शुरू हो चुका है। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना अब दिल्ली में भी लागू हो गई है, जिसके तहत प्रत्येक परिवार को ₹10 लाख तक का वार्षिक स्वास्थ्य बीमा मुफ्त में उपलब्ध होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इसे ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि यह योजना दिल्ली के गरीब और मध्यम वर्ग के लिए वरदान साबित होगी।
इस योजना के तहत दिल्ली के नागरिकों को कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी, जिसमें हॉस्पिटलाइजेशन, डायग्नोस्टिक टेस्ट, सर्जरी, और आपातकालीन सेवाएं शामिल हैं। दिल्ली सरकार ने इस योजना को लागू करने के लिए 29,648 अस्पतालों के साथ करार किया है, जिनमें 12,696 निजी अस्पताल भी शामिल हैं। यह योजना खासकर उन परिवारों के लिए लाभकारी होगी जो महंगे मेडिकल खर्चों को वहन करने में असमर्थ हैं।
आयुष्मान भारत योजना का मुख्य उद्देश्य देश के 12 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करना है। दिल्ली में इस योजना के लागू होने से लगभग 55 लाख लाभार्थियों को प्रति वर्ष ₹5 लाख तक का मुफ्त कवरेज मिलेगा, जबकि महिलाओं के लिए यह कवरेज ₹10 लाख तक है। योजना में ओपीडी, कैंसर कीमोथेरेपी, डायलिसिस जैसी सेवाएं भी शामिल हैं, जो पूरी तरह मुफ्त होंगी।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह योजना दिल्ली में चिकित्सा मुद्रास्फीति की 14% वार्षिक वृद्धि दर से निपटने में मदद करेगी। निजी अस्पतालों में बढ़ते खर्चों के बीच, यह योजना मध्यम वर्ग के लिए वित्तीय सुरक्षा का एक मजबूत जाल प्रदान करती है। उदाहरण के लिए, एक सामान्य सर्जरी की लागत ₹1-2 लाख तक हो सकती है, जो किसी भी मध्यमवर्गीय परिवार की बचत को प्रभावित कर सकती है। आयुष्मान भारत इस बोझ को कम करेगा।
दिल्ली सरकार ने इस योजना को लागू करने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। लाभार्थियों को पंजीकरण के लिए ई-मित्र पोर्टल और स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों पर सुविधा दी गई है। पंजीकरण की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2025 तक निर्धारित की गई है, जिसके बाद भी विशेष परिस्थितियों में पंजीकरण की अनुमति दी जा सकती है।
हालांकि, कुछ चुनौतियां भी सामने हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि निजी अस्पतालों में इलाज की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना एक बड़ी जिम्मेदारी होगी। इसके अलावा, योजना के तहत कवर न होने वाले कुछ खर्चों, जैसे गैर-नेटवर्क अस्पतालों में इलाज, के लिए लाभार्थियों को जेब से खर्च करना पड़ सकता है। बीमा नियामक IRDAI ने सभी अस्पतालों में कवरेज सुनिश्चित करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं, ताकि आपातकालीन स्थितियों में कवरेज से इनकार न हो।
दिल्ली में इस योजना का स्वागत करते हुए स्थानीय निवासियों ने इसे जीवन रक्षक बताया है। एक स्थानीय निवासी, राजेश कुमार, ने कहा, “मेरे पिता की सर्जरी के लिए हमें ₹1.5 लाख खर्च करने पड़े थे। अगर यह योजना पहले होती, तो हमारी बचत सुरक्षित रहती।” योजना के तहत मुफ्त हेल्थ चेक-अप और डायग्नोस्टिक टेस्ट जैसी सुविधाएं भी लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेंगी।
स्वास्थ्य बीमा के क्षेत्र में दिल्ली का यह कदम न केवल आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगा, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को भी बढ़ाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना दिल्ली को एक स्वस्थ और सुरक्षित शहर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
Disclaimer: यह लेख समाचार, रिपोर्ट्स, और विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है। स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के नियम और शर्तें बदल सकती हैं, इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित अधिकारियों से नवीनतम जानकारी प्राप्त करें।