“दिल्ली सरकार की नई सोलर रूफटॉप योजना 2025 के तहत हर घर को मुफ्त बिजली और भारी सब्सिडी का वादा। 3 किलोवाट सोलर पैनल पर ₹1.08 लाख तक की सब्सिडी, ₹4200 मासिक बचत और पर्यावरण संरक्षण का मौका। जानें पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और लाभ।”
दिल्ली की सोलर रूफटॉप योजना 2025: हर घर को मुफ्त बिजली
दिल्ली सरकार ने 2025 में अपनी नई सोलर रूफटॉप योजना के तहत “हर घर में बिजली” के वादे को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इस योजना के तहत, दिल्लीवासियों को अपने घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार से मिलाकर ₹1.08 लाख तक की सब्सिडी दी जाएगी। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा के अनुसार, 3 किलोवाट के सोलर पैनल पर केंद्र सरकार ₹78,000 और दिल्ली सरकार ₹30,000 की अतिरिक्त सब्सिडी प्रदान करेगी। यह योजना न केवल बिजली बिल में भारी बचत का वादा करती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देगी।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि इस योजना से दिल्लीवासी हर महीने औसतन ₹4,200 की बचत कर सकते हैं। 3 किलोवाट का सोलर पैनल लगाने की लागत लगभग ₹2.10 लाख है, लेकिन सब्सिडी के बाद उपभोक्ताओं को अपनी जेब से न्यूनतम खर्च करना होगा। इसके अलावा, दिल्ली सरकार बैंकों के साथ गठजोड़ कर रही है ताकि सोलर पैनल लगाने के लिए आसान लोन उपलब्ध हो। इससे उपभोक्ताओं को प्रारंभिक लागत का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा।
पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें हैं। आवेदक को भारतीय नागरिक होना चाहिए, उसके पास खुद का मकान और सोलर पैनल लगाने के लिए उपयुक्त छत होनी चाहिए। साथ ही, वैध बिजली कनेक्शन होना जरूरी है और पहले से किसी अन्य सोलर सब्सिडी का लाभ नहीं लिया होना चाहिए। आवेदन के लिए PM Surya Ghar पोर्टल (pmsuryaghar.gov.in) पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा। प्रक्रिया में जिला, बिजली वितरण कंपनी, बिजली बिल नंबर, मोबाइल नंबर और ईमेल दर्ज कर लॉगिन करना होगा। इसके बाद, Discom से अप्रूवल और रजिस्टर्ड वेंडर के माध्यम से सोलर पैनल इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया शुरू होती है। सब्सिडी 30 दिनों के भीतर बैंक खाते में जमा हो जाती है।
लाभ और प्रभाव
यह योजना PM Surya Ghar: Muft Bijli Yojana का हिस्सा है, जिसे 15 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉन्च किया था। इसके तहत 1 करोड़ घरों को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का लक्ष्य है। दिल्ली में इस योजना को और प्रभावी बनाने के लिए राज्य सरकार ने “PM Surya Ghar: Muft Bijli Yojana State Top-Up” शुरू किया है। सोलर पैनल से उत्पन्न अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में बेचकर उपभोक्ता आय भी कमा सकते हैं। इससे न केवल बिजली बिल शून्य हो सकता है, बल्कि दीर्घकालिक आर्थिक लाभ भी मिलेगा।
योजना का एक अन्य लाभ पर्यावरण संरक्षण है। सोलर पैनल से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, जिससे दिल्ली की हवा को स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, सोलर सिस्टम की स्थापना और रखरखाव से तकनीकी क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। MNRE के अनुसार, जून 2024 में 6,913 वेंडर थे, जो अब बढ़कर 10,313 हो गए हैं।
चुनौतियां और समाधान
हालांकि, योजना की प्रगति धीमी रही है। कुछ राज्यों में मुफ्त बिजली की योजनाओं के कारण लोगों में सोलर पैनल लगाने का उत्साह कम है। MNRE ने सब्सिडी भुगतान की अवधि को 10 दिनों तक कम कर दिया है और इसे 5-7 दिनों तक करने की योजना है। इसके अलावा, दिल्ली सोलर पॉलिसी को देश की सबसे प्रगतिशील नीति बताया जा रहा है, जो उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट बिजली उत्पादन पर ₹3 तक का भुगतान भी देगी।
दिल्ली विधानसभा का उदाहरण
दिल्ली विधानसभा भी इस दिशा में कदम उठा रही है। 2025 के मॉनसून सत्र से पहले, विधानसभा को 100% सोलर एनर्जी पर चलाने की योजना है। 500 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाया जाएगा, जिससे हर महीने ₹15 लाख की बचत होगी। यह भारत की पहली ऐसी विधानसभा होगी जो पूरी तरह सौर ऊर्जा पर निर्भर होगी।
Disclaimer: यह लेख PM Surya Ghar: Muft Bijli Yojana और दिल्ली सरकार की सोलर पॉलिसी पर आधारित है। जानकारी आधिकारिक वेबसाइट्स और विश्वसनीय समाचार स्रोतों से ली गई है। सटीकता के लिए pmsuryaghar.gov.in पर जाएं।