दिल्ली सरकार ने नई सोलर सब्सिडी स्कीम शुरू की है, जिसके तहत 3 किलोवाट सोलर पैनल लगाने पर 1,08,000 रुपये की सब्सिडी मिलेगी। यह योजना बिजली बिल कम करने और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए है। उपभोक्ता हर महीने 4,200 रुपये तक बचा सकते हैं। दिल्ली विधानसभा भी 100% सौर ऊर्जा पर चलेगी।
दिल्ली में सस्ती बिजली की नई पहल: सोलर सब्सिडी स्कीम की पूरी जानकारी
दिल्ली सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक नई सोलर सब्सिडी स्कीम लॉन्च की है, जिसका उद्देश्य बिजली बिल को कम करना और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देना है। इस स्कीम के तहत, दिल्लीवासियों को अपनी छतों पर 3 किलोवाट के सोलर पैनल लगाने पर कुल 1,08,000 रुपये की सब्सिडी मिलेगी। इसमें केंद्र सरकार की ओर से 78,000 रुपये और दिल्ली सरकार की ओर से अतिरिक्त 30,000 रुपये की सब्सिडी शामिल है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि इस योजना के लिए 50 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जिसके तहत अगले तीन वर्षों में 2.3 लाख आवासीय इकाइयों पर सोलर सिस्टम लगाने का लक्ष्य है।
इस स्कीम का लाभ उठाने वाले उपभोक्ता न केवल अपने बिजली बिल को शून्य कर सकते हैं, बल्कि हर महीने औसतन 4,200 रुपये की बचत भी कर सकते हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह योजना दिल्ली को स्वच्छ और हरित बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने जोर दिया कि उपभोक्ताओं को प्रारंभिक खर्च की चिंता नहीं करनी पड़ेगी, क्योंकि सब्सिडी सीधे उनके खाते में 30 दिनों के भीतर जमा कर दी जाएगी।
दिल्ली सोलर पॉलिसी 2024 के तहत, जो उपभोक्ता अपनी छतों पर सोलर पैनल लगवाते हैं, उन्हें प्रति यूनिट 3 रुपये का भुगतान भी किया जाएगा। उदाहरण के तौर पर, यदि कोई उपभोक्ता 400 यूनिट बिजली खर्च करता है और सोलर पैनल से 225 यूनिट बिजली पैदा करता है, तो उसका बिल शून्य हो जाएगा, क्योंकि बाकी 175 यूनिट 200 यूनिट की मुफ्त बिजली सीमा के भीतर आता है। इसके अतिरिक्त, डिस्कॉम की ओर से बिजली उत्पादन के लिए इंसेंटिव भी मिलेगा।
इसके साथ ही, दिल्ली विधानसभा को 100% सौर ऊर्जा से संचालित करने की योजना भी तेजी से आगे बढ़ रही है। विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि मानसून सत्र से पहले विधानसभा की छतों पर 500 किलोवाट का नया सोलर रूफटॉप सिस्टम स्थापित किया जाएगा, जिससे हर महीने 15 लाख रुपये की बिजली बचत होगी। यह कदम दिल्ली को देश की पहली ऐसी विधानसभा बनाएगा जो पूरी तरह सौर ऊर्जा पर निर्भर होगी।
नजफगढ़ ड्रेन पर सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना भी शुरू की गई है, जिससे 30 मेगावॉट बिजली उत्पादन का लक्ष्य है। पहले चरण में ढांसा बॉर्डर से घुम्मनहेड़ा गांव तक 6 किलोमीटर के स्ट्रेच में 5 मेगावॉट बिजली उत्पादन होगा। यह योजना बिजली चोरी को रोकने और आपूर्ति को स्थिर करने में भी मदद करेगी।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) के सहयोग से चल रही इस स्कीम का लाभ उठाने के लिए उपभोक्ताओं को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, और सब्सिडी की राशि 5-7 दिनों के भीतर खाते In जमा करने का प्रयास किया जा रहा है।
Disclaimer: यह लेख समाचार और विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है। जानकारी नवीनतम उपलब्ध डेटा पर आधारित है और इसमें बदलाव संभव है। सटीक जानकारी के लिए सरकारी वेबसाइट या डिस्कॉम से संपर्क करें।