दिल्ली जल बोर्ड ने 2025 में हर घर को 24×7 स्वच्छ पानी देने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। लुटियंस दिल्ली से शुरूआत हो चुकी है, और तीन नए जल शोधन संयंत्र 235 MGD पानी उपलब्ध कराएंगे। यह योजना जल संरक्षण और स्वास्थ्य सुधार पर केंद्रित है, जिससे दिल्लीवासियों को निरंतर स्वच्छ पानी मिलेगा।
दिल्ली में जल क्रांति: 2025 की नई योजना से हर घर को स्वच्छ पानी
दिल्ली में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड (DJB) ने 2025 में एक महत्वाकांक्षी जल संरक्षण और आपूर्ति योजना की शुरुआत की है। इस योजना का लक्ष्य दिल्ली के हर घर में 24 घंटे स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना है। इस पहल की शुरुआत लुटियंस दिल्ली के विनय मार्ग से हो चुकी है, जहां निवासियों को अब निर्बाध जल आपूर्ति मिल रही है। दिल्ली सरकार ने इस योजना को पूरे शहर में विस्तारित करने के लिए तीन जोन में शहर को बांटा है, ताकि सभी क्षेत्रों में समान रूप से पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो।
इस योजना के तहत, दिल्ली जल बोर्ड ने तीन नए जल शोधन संयंत्रों को मंजूरी दी है, जो इरादतनagar (उत्तर-पश्चिम), नजफगढ़ (दक्षिण-पश्चिम), और छतरपुर (दक्षिण) में बनाए जाएंगे। ये संयंत्र प्रतिदिन 235 मिलियन गैलन पानी (MGD) की आपूर्ति करेंगे, जो दिल्ली की मौजूदा जल मांग 1,150 MGD का एक बड़ा हिस्सा पूरा करेगा। इन संयंत्रों के लिए कच्चा पानी हिमाचल प्रदेश के रेणुका बांध और उत्तराखंड के किशाऊ और लखवार बांध से यमुना नदी के जरिए लाया जाएगा। इस परियोजना के लिए DJB ने पहले ही 230.73 करोड़ रुपये का भुगतान संबंधित एजेंसियों को कर दिया है, ताकि बुनियादी ढांचे का विकास बिना किसी देरी के हो सके।
दिल्ली की जल आपूर्ति प्रणाली में सुधार के लिए DJB ने कई अन्य कदम भी उठाए हैं। पानी के टैंकरों की संख्या बढ़ाई गई है, और उनकी दैनिक यात्राओं को 9 से बढ़ाकर 16 करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए दो ड्राइवरों को शिफ्ट में तैनात किया जाएगा। साथ ही, 15,383 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन नेटवर्क और 117 अंडरग्राउंड रिजर्वॉयर (UGR) का उपयोग जल संग्रहण और वितरण के लिए किया जा रहा है। इन प्रयासों से दिल्ली में पानी की कमी को कम करने में मदद मिलेगी।
योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा जल संरक्षण पर जोर देना है। दिल्ली जल बोर्ड ने जल स्रोतों के पुनर्भरण और पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान शुरू किए हैं। नागरिकों से अपील की गई है कि वे पानी का दुरुपयोग रोकें और जल संरक्षण में योगदान दें। इसके अलावा, पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक परीक्षण सुविधाओं और निगरानी प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है, ताकि दिल्लीवासियों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल मिले।
हालांकि, इस योजना के सामने कुछ चुनौतियां भी हैं। पुरानी पाइपलाइनों का नवीनीकरण, निवेश की आवश्यकता, और प्रभावी प्रबंधन इस योजना की सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं। दिल्ली सरकार ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए 9,000 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है, जिससे नई पाइपलाइनें बिछाई जाएंगी और सीवर सिस्टम को भी मजबूत किया जाएगा।
यह योजना न केवल दिल्लीवासियों की दैनिक जरूरतों को पूरा करेगी, बल्कि उनके स्वास्थ्य और जीवनशैली में भी सुधार लाएगी। स्वच्छ पानी की उपलब्धता से जल जनित बीमारियों में कमी आएगी, जिससे विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों का स्वास्थ्य बेहतर होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता से जल जनित बीमारियों के इलाज पर होने वाले खर्च में 8.4 लाख करोड़ रुपये की बचत हो सकती है।
दिल्ली सरकार का यह कदम जल जीवन मिशन के तहत भारत सरकार की हर घर नल योजना से भी प्रेरित है, जिसका लक्ष्य 2028 तक देश के हर घर में स्वच्छ पेयजल पहुंचाना है। दिल्ली में इस योजना की सफलता न केवल राजधानी के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल बन सकती है।
Disclaimer: यह लेख दिल्ली जल बोर्ड और संबंधित सरकारी स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है। ताजा अपडेट्स के लिए आधिकारिक वेबसाइट्स और न्यूज पोर्टल्स की जांच करें।