यूपी में अल्पसंख्यक स्कूलों की नई पहल: 2025 में क्या बदलेगा?

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“उत्तर प्रदेश सरकार ने अल्पसंख्यक समुदायों के लिए स्कूलों में नई योजनाएं शुरू की हैं। 2025 में शिक्षा, बुनियादी ढांचे और स्कॉलरशिप में सुधार पर जोर है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग नए स्कूल, बेहतर सुविधाएं और आर्थिक सहायता प्रदान कर रहा है, जिससे शिक्षा तक पहुंच बढ़ेगी और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।”

उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यक शिक्षा को नया आयाम

उत्तर प्रदेश सरकार ने अल्पसंख्यक समुदायों (मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी) के लिए शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने हाल ही में कई योजनाओं की घोषणा की है, जिनका उद्देश्य शिक्षा तक पहुंच बढ़ाना और सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है। इन योजनाओं में प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप, स्कूलों में बुनियादी ढांचे का विकास और मेरिट-कम-मीन्स स्कॉलरशिप शामिल हैं।

राज्य सरकार ने 2025-26 के लिए अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को स्कॉलरशिप के लिए ऑनलाइन पोर्टल को और सुलभ बनाया है। वेबसाइट minoritywelfare.up.gov.in के माध्यम से छात्र प्री-मैट्रिक (कक्षा 1-10), पोस्ट-मैट्रिक (कक्षा 11-12 और उच्च शिक्षा) और मेरिट-कम-मीन्स स्कॉलरशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं। इन स्कॉलरशिप्स में परिवार की वार्षिक आय सीमा प्री-मैट्रिक के लिए 2 लाख रुपये, पोस्ट-मैट्रिक के लिए 2 लाख रुपये और मेरिट-कम-मीन्स के लिए 2.5 लाख रुपये निर्धारित की गई है। कक्षा 1-5 के लिए 1,000 रुपये, कक्षा 6-10 के लिए 5,000 रुपये, कक्षा 11-12 के लिए अधिकतम 13,800 रुपये और स्नातक/स्नातकोत्तर स्तर के लिए 8,700 रुपये तक की सहायता प्रदान की जाती है।

इसके अलावा, सरकार ने अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में स्कूलों के लिए बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित किया है। केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (PMJVK) योजना के तहत मुजफ्फरनगर जैसे जिलों में 2017-18 और 2019-20 के लिए अनुदान जारी किया गया है। इन फंड्स का उपयोग स्कूलों, हॉस्टल, आंगनवाड़ी केंद्रों और सामुदायिक भवनों के निर्माण के लिए किया जा रहा है। उदाहरण के लिए, मुजफ्फरनगर में 2021-22 में 2.3 मिलियन रुपये की दूसरी किस्त स्वीकृत की गई थी।

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अल्पसंख्यक समुदायों के लिए शिक्षा ऋण भी उपलब्ध हैं, जो 3% वार्षिक ब्याज दर पर प्रदान किए जाते हैं। 1 वर्ष के पाठ्यक्रम के लिए अधिकतम 4 लाख रुपये और 5 वर्ष के पाठ्यक्रम के लिए 20 लाख रुपये तक का ऋण लिया जा सकता है। यह ऋण ग्रामीण क्षेत्रों में 98,000 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 1 लाख रुपये की वार्षिक आय वाले परिवारों के लिए उपलब्ध है।

महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं भी शुरू की गई हैं। अल्पसंख्यक समुदाय की बेटियों की शादी के लिए 20,000 रुपये की एकमुश्त आर्थिक सहायता दी जाती है, बशर्ते ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार की आय 46,080 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 56,460 रुपये से कम हो। यह सहायता ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से तीन महीने के भीतर प्राप्त की जा सकती है।

सरकार ने अल्पसंख्यक समुदायों के लिए स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती और प्रशिक्षण पर भी जोर दिया है। नई दिल्ली में अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा संचालित “नई उड़ान” और “नई रोशनी” जैसी योजनाएं अल्पसंख्यक महिलाओं और युवाओं के लिए नेतृत्व विकास और कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती हैं। इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए गैर-सरकारी संगठनों के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है।

हालांकि, कुछ चुनौतियां भी हैं। कई अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में स्कूलों की स्थिति अभी भी खराब है। सीमित फंडिंग और प्रशासनिक देरी के कारण बुनियादी ढांचे के विकास में बाधाएं आ रही हैं। उदाहरण के लिए, कुछ स्कूलों में बिजली, पानी और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी है। इसके बावजूद, सरकार ने 2025 तक इन क्षेत्रों में सुधार के लिए 50% अधिक फंड आवंटित करने का वादा किया है।

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Disclaimer: यह लेख अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार की आधिकारिक वेबसाइटों, जैसे minoritywelfare.up.gov.in और www.minorityaffairs.gov.in, से प्राप्त जानकारी पर आधारित है। डेटा की सटीकता के लिए संबंधित विभागों से संपर्क करें।

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