“उत्तर प्रदेश सरकार ने 2025 में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने के लिए जॉब फेयर की नई पहल शुरू की है। ये आयोजन स्थानीय युवाओं को नौकरी, कौशल प्रशिक्षण और उद personally tailored solutions for job seekers in UP villages. The program aims to boost employment by connecting rural youth with top employers and skill development opportunities.”
उत्तर प्रदेश में ग्रामीण रोजगार क्रांति: जॉब फेयर 2025
उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी को कम करने और स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए 2025 में एक महत्वाकांक्षी जॉब फेयर अभियान शुरू किया है। यह पहल ‘ग्रामीण रोजगार मिशन’ के तहत शुरू की गई है, जिसका लक्ष्य गांवों में बेरोजगारी को कम करना और स्थानीय प्रतिभाओं को उद्योगों से जोड़ना है।
पिछले कुछ वर्षों में, उत्तर प्रदेश ने औद्योगिक और तकनीकी क्षेत्र में तेजी से प्रगति की है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर अभी भी सीमित हैं। इस कमी को दूर करने के लिए, सरकार ने जॉब फेयर के माध्यम से स्थानीय युवाओं को नौकरी और कौशल प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करने की योजना बनाई है। 2025 में, राज्य के विभिन्न जिलों, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों जैसे लखनऊ, कानपुर देहात, बस्ती, और गोरखपुर में जॉब फेयर आयोजित किए जाएंगे।
इन जॉब फेयर में स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर की कंपनियां, जैसे कि Tata, Reliance, और MSME सेक्टर की इकाइयां, हिस्सा लेंगी। ये आयोजन न केवल नौकरी के अवसर प्रदान करेंगे, बल्कि युवाओं को सॉफ्ट स्किल्स, डिजिटल लिटरेसी, और उद्यमिता प्रशिक्षण भी देंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि ये जॉब फेयर ग्रामीण युवाओं के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकते हैं, क्योंकि वे सीधे नियोक्ताओं से मिल सकते हैं और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए, बस्ती जिले में आयोजित एक हालिया जॉब फेयर में, लगभग 2,000 युवाओं ने हिस्सा लिया, जिसमें से 500 से अधिक को ऑन-द-स्पॉट जॉब ऑफर मिले। इसके अलावा, सरकार ने इन आयोजनों में भाग लेने वाले युवाओं के लिए मुफ्त रिज्यूमे लेखन कार्यशालाएं और साक्षात्कार की तैयारी के लिए कोचिंग सत्र भी शुरू किए हैं।
इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल जॉब फेयर की शुरुआत की है, जिसके तहत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से नौकरी चाहने वाले युवा और नियोक्ता एक-दूसरे से जुड़ सकते हैं। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो दूरदराज के गांवों में रहते हैं और शहरों में आयोजित होने वाले जॉब फेयर में शामिल नहीं हो सकते।
इस पहल के तहत, सरकार ने 2025 के अंत तक कम से कम 10 लाख ग्रामीण युवाओं को रोजगार या प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य रखा है। विशेष रूप से, महिलाओं और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए विशेष जॉब फेयर भी आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि समावेशी विकास सुनिश्चित हो।
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इन जॉब फेयर की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि सरकार और नियोक्ता कितनी प्रभावी ढंग से इन अवसरों को ग्रामीण स्तर तक पहुंचा पाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की उपलब्धता और जागरूकता की कमी जैसी चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं।
फिर भी, यह पहल उत्तर प्रदेश के ग्रामीण युवाओं के लिए एक नई उम्मीद की किरण लेकर आई है। जॉब फेयर न केवल रोजगार के अवसर प्रदान कर रहे हैं, बल्कि ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम भी साबित हो रहे हैं।
Disclaimer: यह लेख नवीनतम समाचारों, सरकारी घोषणाओं, और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है। जानकारी की सटीकता के लिए संबंधित सरकारी पोर्टल और स्थानीय समाचार स्रोतों की जांच करें।