“उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण गरीबों के लिए रोजगार गारंटी योजना को 2025 में और मजबूत किया है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) के तहत 100 दिन का रोजगार, बढ़ी हुई मजदूरी, और डिजिटल पारदर्शिता पर जोर दिया गया है। यह योजना ग्रामीण बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के साथ-साथ लाखों परिवारों की आजीविका को सुरक्षित करती है।”
यूपी में ग्रामीण रोजगार गारंटी: 2025 की नई पहल
उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य, ग्रामीण गरीबी को कम करने के लिए रोजगार गारंटी योजनाओं पर विशेष ध्यान दे रहा है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के तहत, यूपी सरकार ने 2025 में ग्रामीण परिवारों को 100 दिन का गारंटीकृत रोजगार प्रदान करने की प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है। यह योजना न केवल ग्रामीण गरीबों को आर्थिक सहायता देती है, बल्कि सड़क, तालाब, और सिंचाई जैसे बुनियादी ढांचे के विकास में भी योगदान देती है।
2024-25 के लिए MGNREGA का बजट 86,000 करोड़ रुपये तक बढ़ाया गया है, जो इसकी शुरुआत के बाद से सबसे अधिक है। यूपी में इस योजना के तहत 2023-24 में 58.9% महिलाओं ने हिस्सा लिया, जो ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके अलावा, आधार-आधारित भुगतान प्रणाली (Aadhaar-Based Payment System) ने भ्रष्टाचार को कम करने और मजदूरी के भुगतान में पारदर्शिता लाने में मदद की है।
यूपी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी भत्ते को और प्रभावी बनाने के लिए नई रणनीतियां अपनाई हैं। यदि किसी आवेदक को 15 दिनों के भीतर रोजगार नहीं मिलता, तो उसे न्यूनतम मजदूरी का एक-चौथाई हिस्सा बेरोजगारी भत्ते के रूप में मिलता है। 2024 में न्यूनतम मजदूरी में 7% की वृद्धि की गई, जिससे प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 374 रुपये की दर तय की गई है।
योजना के तहत प्रोजेक्ट उन्नति (Project Unnati) को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, जो MGNREGA लाभार्थियों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करता है। इसका लक्ष्य ग्रामीण युवाओं को पूर्णकालिक रोजगार के लिए तैयार करना और उनकी योजना पर निर्भरता कम करना है। इसके तहत 18-45 वर्ष की आयु के प्रत्येक परिवार से एक वयस्क को 100 दिनों तक वजीफा के साथ प्रशिक्षण दिया जाता है।
यूपी के 250 आकांक्षी और पिछड़े ब्लॉकों में क्लस्टर सुविधा परियोजना (Cluster Facilitation Project) लागू की गई है, जो गरीबी उन्मूलन के लिए सरकारी योजनाओं के साथ तालमेल बनाकर काम करती है। यह परियोजना कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) और परोपकारी संगठनों के सहयोग से ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देती है।
हालांकि, चुनौतियां भी कम नहीं हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि Aadhaar-आधारित भुगतान प्रणाली ने कुछ क्षेत्रों में कार्यान्वयन में बाधाएं पैदा की हैं, खासकर उन ग्रामीण इलाकों में जहां डिजिटल साक्षरता कम है। इसके अलावा, कुछ ग्राम पंचायतों में रिकॉर्ड रखरखाव में अनियमितताएं और भुगतान में देरी की शिकायतें भी सामने आई हैं।
यूपी सरकार ने इन समस्याओं को हल करने के लिए Janmanrega मोबाइल ऐप और NREGASoft जैसे डिजिटल उपकरणों को बढ़ावा दिया है। ये उपकरण उपस्थिति ट्रैकिंग, भुगतान स्थिति, और शिकायत निवारण में मदद करते हैं। साथ ही, GeoMGNREGA के तहत ग्राम पंचायतों में बनाए गए परिसंपत्तियों का जियो-टैगिंग भी किया जा रहा है, ताकि कार्य की प्रगति को पारदर्शी रूप से ट्रैक किया जा सके।
2025 में यूपी सरकार ने ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष जोर दिया है। अमृत सरोवर मिशन के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम एक एकड़ के तालाब का निर्माण किया जा रहा है, जिससे जल संरक्षण और बाढ़ प्रबंधन में सुधार हो रहा है। यह योजना न केवल रोजगार प्रदान करती है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक रूप से मजबूत करने में भी योगदान देती है।
Disclaimer: यह लेख सरकारी वेबसाइट्स, विश्वसनीय समाचार स्रोतों, और हाल के प्रशासनिक डेटा पर आधारित है। जानकारी को सटीक और ताजा रखने का प्रयास किया गया है, लेकिन पाठकों को नवीनतम अपडेट के लिए आधिकारिक स्रोतों की जांच करने की सलाह दी जाती है।