“उत्तर प्रदेश सरकार ने 2025 में बेरोजगार ग्रामीण युवाओं के लिए कई नई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें स्किल डेवलपमेंट, स्टार्टअप फंडिंग और रोजगार गारंटी शामिल हैं। ये योजनाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर केंद्रित हैं। जानें, कैसे ये योजनाएं बदल सकती हैं आपका भविष्य!”
उत्तर प्रदेश में ग्रामीण युवाओं के लिए नई रोजगार योजनाएं
उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य, बेरोजगारी की चुनौती से जूझ रहा है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। हाल के आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 में ग्रामीण युवाओं (15-29 वर्ष) की बेरोजगारी दर 11.4% थी, जो शहरी क्षेत्रों (18.4%) से कम है, लेकिन फिर भी चिंताजनक है। इस स्थिति को सुधारने के लिए, उत्तर प्रदेश सरकार ने 2025 में कई नई योजनाएं शुरू की हैं, जो ग्रामीण युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने पर केंद्रित हैं।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY 4.0)
PMKVY 4.0 के तहत, यूपी के ग्रामीण युवाओं को मुफ्त स्किल ट्रेनिंग दी जा रही है। यह योजना IT, हेल्थकेयर, रिटेल, और AI जैसे क्षेत्रों में शॉर्ट-टर्म कोर्स प्रदान करती है। 15-35 वर्ष की आयु के युवा, विशेषकर महिलाएं और कमजोर वर्ग, इसके लिए पात्र हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 2025 तक 2 लाख युवाओं को ट्रेनिंग देने का लक्ष्य है। ट्रेनिंग के बाद, नौकरी प्लेसमेंट और सर्टिफिकेशन भी सुनिश्चित किया जाता है। उदाहरण के लिए, बुलंदशहर की रानी (24) ने PMKVY के तहत डेटा एनालिटिक्स कोर्स पूरा किया और अब एक IT फर्म में नौकरी कर रही हैं।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP)
PMEGP ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में माइक्रो-एंटरप्राइज शुरू करने के लिए क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी प्रदान करता है। यूपी में 2025-26 के लिए इस योजना का बजट बढ़ाकर ₹500 करोड़ किया गया है। 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, जो कम से कम आठवीं पास हैं, इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। सामान्य वर्ग को ग्रामीण क्षेत्रों में 25% और विशेष वर्ग (SC/ST/महिलाएं) को 35% सब्सिडी मिलती है। लखनऊ के अजय (28) ने PMEGP के तहत ₹10 लाख का लोन लेकर एक बांस-आधारित फर्नीचर यूनिट शुरू की, जिससे 5 लोगों को रोजगार मिला।
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना (DDU-GKY)