दिल्ली में स्वच्छता मिशन 2.0 की धमाकेदार शुरुआत, अब नया बदलाव!

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“दिल्ली में स्वच्छता मिशन 2.0 के तहत नई सैनिटेशन ड्राइव शुरू हो चुकी है। यह अभियान शहर को कचरा मुक्त बनाने, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देने और खुले में शौच को पूरी तरह खत्म करने पर केंद्रित है। 9600 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जो दिल्ली को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।”

दिल्ली में स्वच्छता मिशन 2.0: नई सैनिटेशन ड्राइव की शुरुआत

दिल्ली में स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के तहत एक नई सैनिटेशन ड्राइव की शुरुआत हो चुकी है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी को कचरा मुक्त और जल सुरक्षित बनाने के साथ-साथ स्वच्छता के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित करना है। यह अभियान 2 अक्टूबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन 2.0 का हिस्सा है, जिसके तहत दिल्ली में कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

इस ड्राइव के तहत दिल्ली में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। दिल्ली की तीन प्रमुख लैंडफिल साइट्स—गाजीपुर, ओखला, और भलस्वा—के कचरे का उपयोग अर्बन एक्सटेंशन रोड-II (NH-344M) के निर्माण में किया जा रहा है, जो 75.7 किलोमीटर लंबा एक 6-लेन और 4-लेन का एक्सेस-नियंत्रित मोटर वे है। यह कदम न केवल कचरे के पुनर्चक्रण को बढ़ावा देगा, बल्कि दिल्ली में लैंडफिल साइट्स पर बढ़ते दबाव को भी कम करेगा।

स्वच्छता मिशन 2.0 के तहत दिल्ली में खुले में शौच (ODF) की स्थिति को बनाए रखने और इसे ODF+ और ODF++ की श्रेणी में ले जाने का लक्ष्य है। ODF++ का मतलब है कि मल कीचड़ और सीवेज को सुरक्षित रूप से प्रबंधित किया जाए, ताकि इसे खुले नालियों या जल निकायों में न डाला जाए। दिल्ली में 3,547 शहरी स्थानीय निकाय (ULBs) पहले ही ODF+ का दर्जा प्राप्त कर चुके हैं, और 1,191 ULBs ODF++ प्रमाणित हैं।

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इस अभियान में अपशिष्ट प्रबंधन के लिए स्रोत पर पृथक्करण (source segregation) और 3R सिद्धांतों—रिड्यूस, रियूज, रिसाइकल—को लागू करने पर जोर दिया गया है। दिल्ली में 97% वार्डों में डोर-टू-डोर कचरा संग्रह हो रहा है, और 90% नागरिक कचरे के स्रोत पर पृथक्करण का अभ्यास कर रहे हैं। इसके अलावा, 2023 तक अपशिष्ट प्रसंस्करण की दर 2014 के 17% से बढ़कर 75% हो गई है।

हाल ही में शुरू किए गए “सफाई अपनाओ, बीमारी भगाओ” अभियान के तहत, जो 1 जुलाई से 31 अगस्त 2025 तक चलेगा, दिल्ली में मानसून से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने के लिए स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस अभियान में स्थानीय समुदायों, महिला स्वयं सहायता समूहों, और युवा संगठनों की भागीदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है।

दिल्ली में स्वच्छता ही सेवा 2024 अभियान के तहत 17 करोड़ से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया, जिसमें 19.70 लाख से अधिक स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित किए गए। लगभग 6.5 लाख स्वच्छता लक्ष्य इकाइयों का कायाकल्प किया गया, और 30 लाख से अधिक सफाई मित्रों को सुरक्षा शिविरों से लाभ मिला। इसके अलावा, “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत 45 लाख से अधिक पेड़ लगाए गए।

स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के तहत दिल्ली में 9600 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जिनमें AMRUT 2.0, National Mission for Clean Ganga, और GOBARdhan Scheme शामिल हैं। इन परियोजनाओं का लक्ष्य न केवल स्वच्छता बल्कि जल संरक्षण और पर्यावरणीय स्थिरता को भी बढ़ावा देना है।

दिल्ली में स्वच्छता को जन आंदोलन बनाने के लिए नियमित जागरूकता अभियान और थीम-आधारित कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। “स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता” थीम के तहत, दिल्लीवासियों को स्वच्छता को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

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Disclaimer: यह लेख हाल के समाचारों, सरकारी वेबसाइटों, और विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है। यह सामान्य जानकारी के लिए है और इसे आधिकारिक दस्तावेज के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। अधिक जानकारी के लिए सरकारी पोर्टल्स जैसे mohua.gov.in और pmindia.gov.in देखें।

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